तिथि व शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग अनुसार, देवउठनी एकादशी (प्रबोधनिनी एकादशी) 1 नवम्बर 2025 को सुबह 9:11 बजे से शुरू होकर 2 नवम्बर सुबह 7:31 बजे तक रहेगी।
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:50-05:42 (2 नवम्बर)
- अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:42-12:26
- विजय मुहूर्त: दोपहर 01:55-02:39
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:35-06:01
(अंचल व स्थान के अनुसार समय में अल्प-भिन्नता हो सकती है।)

महत्ता और पौराणिक कथा

देवउठनी एकादशी को मान्यता है कि इस दिन विष्णु भगवान चार-महीने की योगनिद्रा से जागते हैं, और शुभ कार्यों का शुभारंभ होता है। 5
तुलसी विवाह में तुलसी पौधे (जिसे देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है) का विवाह भगवान विष्णु के प्रतीक स्वरूप शालिग्राम या दूसरी पूजा मूर्ति से होता है। यह संस्कार हिन्दू विवाह–उत्सवों की शुरुआत का प्रतीक है।
पूजा-विधि: सरल तरीके से
पूजा के लिए निम्न चरण अपनाए जा सकते हैं:
- प्रातः स्नान कर कपड़े पहनें एवं पूजा स्थल साफ करें।
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र सामने रखें। तुलसी पौधा साफ स्थान पर लगाएं।
- दीपक, तुलसी-दल, पीले पुष्प, पंचामृत आदि अर्पित करें। मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।
- रात्रि में आरती करें और दिन बदलते ही पारण करें। तुलसी विवाह के दिन तुलसी-पौधे को चुनरी ओढ़ाकर मंडप सजाएँ, हल्दी-कुमकुम अर्पित करें एवं विवाह संस्कार की भांति वरण-माला, कणदान आदि करें।
- पूजा समाप्ति पर प्रसाद वितरण करें और तुलसी के पास दीपक जलाएँ।
उपाय एवं सुझाव
इस दिन ब्राह्मण, निर्धन को अन्न-वस्त्र-दक्षिणा दान करने से पुण्य बढ़ता है।
तुलसी के पास घी का दीपक जलाने से कमरे में लक्ष्मी स्थायी रूप से वास करती हैं।
विवाह-सम्बन्धित कार्य, गृह प्रवेश, व्यवसाय का शुभारंभ आदि इस दिन बेहद फलदायी माने जाते हैं।
