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धनतेरस 2025: शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और खरीदारी का महत्व

नई दिल्ली: धनतेरस 2025 का त्योहार कल, 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह पर्व माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा का अवसर है। साथ ही यमराज की भी पूजा की जाती है। इस दिन की विशेषता सोना, चांदी, धातु के बर्तन और अन्य सामग्रियों की खरीदारी में है।

धनतेरस पूजा विधि

धनतेरस की पूजा के लिए पहले घर को साफ करें और पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछाएं। पूजा में माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। दीपक जलाएं और त्रिदेव मंत्र का उच्चारण करें। विशेष रूप से सोने, चांदी या धातु के बर्तन इस दिन खरीदे जाते हैं क्योंकि इसे शुभ माना जाता है।

शुभ मुहूर्त

धनतेरस 2025 का प्रमुख खरीदारी और पूजा मुहूर्त सुबह 07:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक है। इस समय में धन की प्राप्ति और संपत्ति में वृद्धि के लिए खरीदारी और पूजा करना उत्तम माना जाता है।

खरीदारी का महत्व

धनतेरस पर सोना, चांदी, बर्तन या अन्य धातुएं खरीदना पारंपरिक रूप से अत्यंत शुभ माना जाता है। यह सिर्फ भौतिक समृद्धि ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य और परिवार की खुशहाली के लिए भी लाभकारी होता है।

मंत्र और आराधना

धनतेरस पूजा में “ॐ महालक्ष्म्यै नमः”, “ॐ कुबेराय नमः” और “ॐ धन्वंतर्यै नमः” मंत्रों का जाप किया जाता है। इन मंत्रों से धन, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति मानी जाती है। पूजा के बाद दीपक जलाकर घर में सुख-समृद्धि की कामना करें।

ध्यान रखने योग्य बातें

  • घर और पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखें।
  • शुभ मुहूर्त में ही सोना, चांदी और बर्तन खरीदें।
  • पूजा में सादगी और भक्ति भाव का ध्यान रखें।

धनतेरस के त्योहार पर उचित पूजा और शुभ खरीदारी से घर में खुशहाली, संपन्नता और स्वास्थ्य की वृद्धि होती है।

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