आज का दिन भगवान शिव के भक्तों के लिए बेहद पवित्र और शुभ है। सावन शिवरात्रि 2025 बुधवार, 23 जुलाई को मनाई जा रही है। यह दिन सावन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आता है और शिवभक्त इस दिन विशेष पूजा और व्रत रखते हैं।
सावन शिवरात्रि का धार्मिक महत्व
महाशिवरात्रि के बाद सावन शिवरात्रि भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। खासकर सावन के पावन महीने में यह दिन शिव की आराधना, व्रत, और रात्रि जागरण के लिए आदर्श होता है। मान्यता है कि इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
पूजन मुहूर्त और तिथि
- तिथि: 23 जुलाई 2025, बुधवार
- चतुर्दशी तिथि आरंभ: 23 जुलाई सुबह 03:20 बजे
- चतुर्दशी तिथि समाप्त: 24 जुलाई सुबह 01:47 बजे
- पूजन का शुभ मुहूर्त: रात्रि 12:07 से 12:48 बजे तक (निशीथ काल)
भगवान शिव की पूजा विधि
इस दिन भक्त उपवास करते हैं और रात्रि में शिवलिंग की पूजा करते हैं। यहां शिव पूजन की विधि दी गई है:
- प्रातः स्नान करके व्रत का संकल्प लें।
- शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें।
- बेलपत्र, धतूरा, भस्म और सफेद फूल चढ़ाएं।
- ऊँ नमः शिवाय या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- रात्रि में चार प्रहर की पूजा करें और जागरण करें।
शिवरात्रि पर क्या करें और क्या न करें?
इस दिन ध्यान रखें कि सादा और सात्विक भोजन करें। मांस, मदिरा, और प्याज-लहसुन से परहेज करें। अपने मन और कर्म को पवित्र रखें और धार्मिक गतिविधियों में हिस्सा लें।
क्यों है सावन शिवरात्रि इतनी खास?
हिंदू मान्यता के अनुसार, सावन मास में भगवान शिव धरती पर विशेष रूप से सक्रिय रहते हैं। इस दौरान की गई पूजा और तपस्या का फल हजार गुना मिलता है। इसीलिए शिवभक्त इस दिन उपवास, ध्यान और भक्ति में लीन रहते हैं।
देशभर में मनाया जा रहा है पर्व
काशी, उज्जैन, हरिद्वार, त्र्यंबकेश्वर और बैजनाथ जैसे प्रमुख शिव मंदिरों में आज भारी भीड़ देखी जा रही है। कांवड़ यात्रा अपने चरम पर है और भक्त गंगाजल लाकर शिवलिंग का अभिषेक कर रहे हैं।
सरकारी मान्यता और सुरक्षा व्यवस्था
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने प्रमुख शिव मंदिरों और कांवड़ मार्गों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की है। मेडिकल कैंप, पानी की सुविधा और मोबाइल शौचालयों की व्यवस्था की गई है।
शिवभक्ति से जुड़ी प्रेरणादायक कहानियां
आज के दिन कई भक्त अपनी श्रद्धा का अनोखा परिचय देते हैं। हाल ही में सहारनपुर में 23 लाख के चांदी के लोटे से शिवलिंग का जलाभिषेक हुआ। कुछ छात्राओं ने भगवान शिव से विवाह करने की प्रतीकात्मक रस्म निभाई, जिससे यह पर्व और भी विशेष बन गया।
भविष्यफल और ज्योतिष
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शिवभक्तों के लिए शुभकामनाएं
इस पवित्र दिन पर अपने प्रियजनों को “भोले की भक्ति से संवर जाए जीवन…” जैसे संदेश भेजकर उनका दिन शुभ बनाएं। यह दिन प्रेम, श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है।
