14 जुलाई 2025 को सावन का पहला सोमवार है।
यह दिन भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे पावन माना जाता है।
देशभर में श्रद्धालु शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं।
वे पूरे दिन व्रत रखते हैं और शिव मंत्रों का जाप करते हैं।
यह पर्व केवल धार्मिक नहीं है।
यह सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी बेहद खास माना जाता है।
सावन सोमवार का महत्व
हिंदू धर्म में श्रावण मास को भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है। विशेषकर सोमवार को शिवलिंग पर जल, दूध, शहद व बेलपत्र चढ़ाकर पूजा की जाती है। मान्यता है कि सावन के सोमवार व्रत से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय जब विष (हलाहल) निकला, तब भगवान शिव ने उसे पीकर संसार की रक्षा की। यह घटना सावन मास से जुड़ी मानी जाती है और तभी से इस माह में शिव आराधना की परंपरा शुरू हुई।
उत्तर भारत में कांवर यात्रा प्रसिद्ध है, जहां श्रद्धालु गंगाजल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। वहीं दक्षिण भारत में रुद्र होम और विशेष रुद्राभिषेक होते हैं। बिहार और बंगाल में भी श्रावण माह का विशेष महत्व है।
आज का शुभ मुहूर्त और पूजा का समय
- प्रात: काल पूजा का समय: सुबह 5:15 AM से 7:30 AM
- जलाभिषेक का उत्तम समय: ब्रह्म मुहूर्त (4:00 AM – 5:00 AM)
- रुद्राभिषेक का समय: सुबह 9:00 AM से दोपहर 12:00 PM
पंडितों के अनुसार, सोमवार को सूर्योदय से पूर्व स्नान कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद शिवलिंग पर जल, दूध और पंचामृत से अभिषेक करना शुभ माना जाता है।
पूजन विधि: कैसे करें शिव पूजा?
- स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें।
- शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद और घी चढ़ाएं।
- बेलपत्र, आक, धतूरा, भस्म और सफेद फूल अर्पित करें।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- प्रसाद में गुड़ या पंचामृत वितरित करें।
व्रत के नियम: इन बातों का रखें विशेष ध्यान
सावन सोमवार व्रत रखने वाले को दिनभर फलाहार करना चाहिए। प्याज, लहसुन और तामसिक भोजन से परहेज करें। दिन में एक बार फल या साबूदाना खिचड़ी ले सकते हैं। दिनभर शिव मंत्रों का जाप और ध्यान करें।
धार्मिक ही नहीं, पर्यावरण से भी जुड़ा है सावन
सावन का महीना मॉनसून से जुड़ा होता है। इस दौरान वृक्षारोपण, नदियों की सफाई और जल संरक्षण को महत्व दिया जाता है। कई मंदिरों में सामूहिक वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रम होते हैं। इसलिए यह मास प्रकृति के प्रति जागरूकता का प्रतीक भी बन चुका है।
महिलाओं के लिए खास सावन सोमवार
अविवाहित कन्याएं मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए व्रत करती हैं। विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र और पारिवारिक सुख के लिए शिव पूजा करती हैं। इस दिन शिव-पार्वती की पूजा से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
सावन सोमवार के सरल उपाय
- प्रत्येक सोमवार “ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जाप करें।
- काले तिल का दान करें।
- गाय को हरा चारा खिलाएं।
- शिव मंदिर में दूध अर्पित करें।
सरकारी और धार्मिक संस्थाओं की तैयारी
देशभर में प्रमुख शिव मंदिरों जैसे काशी विश्वनाथ, उज्जैन महाकालेश्वर, केदारनाथ में विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने शासनादेश के तहत सुरक्षा और स्वास्थ्य इंतज़ामों की जानकारी साझा की है। बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड में भी भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए पुख्ता इंतज़ाम हैं।
निष्कर्ष
सावन सोमवार सिर्फ धार्मिक पर्व नहीं, जीवनशैली और प्रकृति के प्रति आस्था का पर्व है। यह दिन आत्मिक शांति, सामाजिक सहभागिता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। इसलिए, सावन में केवल शिव की आराधना नहीं, बल्कि पूरे जीवन को एक नई दिशा देने की प्रेरणा मिलती है।
