मध्य प्रदेश विधान सभा
मध्य प्रदेश की विधान सभा भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एकसदनीय विधानमंडल है। यह भोपाल में स्थित है, जो राज्य की राजधानी है। विधान सभा का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है, जब तक कि इसे पहले भंग न किया जाए। विधान सभा में 234 सदस्य हैं, जो सीधे एकल-सीट निर्वाचन क्षेत्रों से चुने जाते हैं। इनमें से 33 निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं और 45 निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं। विधान सभा का अध्यक्ष राज्य का मुखिया होता है। वर्तमान अध्यक्ष गिरीश गौतम हैं।
मुख्य मुद्दे
आर्थिक विकास: मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुई है, लेकिन चुनाव में यह एक प्रमुख मुद्दा रहेगा। दोनों प्रमुख पार्टियाँ, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस, राज्य में विकास को बढ़ावा देने के अपने वादे कर रही हैं।
बेरोजगारी: बेरोजगारी भी एक महत्त्वपूर्ण मुद्दा है। मध्य प्रदेश में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। दोनों पार्टियाँ नौकरी के अवसरों को बढ़ाने के लिए अपने वादे कर रही हैं।
सामाजिक न्याय: सामाजिक न्याय भी एक महत्त्वपूर्ण मुद्दा है। मध्य प्रदेश में जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव की शिकायतें हैं। दोनों पार्टियाँ सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए अपने वादे कर रही हैं।
प्रमुख उम्मीदवार
भाजपा: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा
कांग्रेस: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व मंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व मंत्री सचिन पायलट
आम आदमी पार्टी (AAP) : विधायक भगवंत मान, सांसद संजय सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल
पूर्वानुमान
चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला होने की उम्मीद है। भाजपा वर्तमान में राज्य में सत्ता में है और वह अपने विकास के रिकॉर्ड पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस राज्य में वापसी करने की कोशिश कर रही है और वह भाजपा के भ्रष्टाचार और कुशासन के आरोपों पर चुनाव लड़ रही है।
मतदान
मध्य प्रदेश में 17 नवंबर, 2023 को मतदान होगा। मतदान सुबह 7: 00 बजे से शाम 5: 00 बजे तक होगा। 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी मतदाता मतदान कर सकते हैं।
मतगणना
मध्य प्रदेश में 3 दिसम्बर, 2023 को मतगणना होगी। मतगणना सुबह 8: 00 बजे से शुरू होगी। चुनाव परिणामों की घोषणा उसी दिन शाम तक की जा सकती है।
मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव 2023
17 नवंबर को मतदान, 3 दिसम्बर को मतगणना
मध्य प्रदेश की विधान सभा के सभी 230 सदस्यों के लिए चुनाव 17 नवंबर 2023 को होगा। मतगणना 3 दिसम्बर 2023 को होगी।
चुनाव में आर्थिक विकास, बेरोजगारी और सामाजिक न्याय जैसे प्रमुख मुद्दे हैं। दोनों प्रमुख पार्टियाँ, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस, इन मुद्दों पर अपने-अपने वादे कर रही हैं। भाजपा वर्तमान में राज्य में सत्ता में है और वह अपने विकास के रिकॉर्ड पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस राज्य में वापसी करने की कोशिश कर रही है और वह भाजपा के भ्रष्टाचार और कुशासन के आरोपों पर चुनाव लड़ रही है।
मध्य प्रदेश में 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी मतदाता मतदान कर सकते हैं। मतदान सुबह 7: 00 बजे से शाम 5: 00 बजे तक होगा। मतगणना सुबह 8: 00 बजे से शुरू होगी और उसी दिन शाम तक चुनाव परिणामों की घोषणा की जा सकती है।
पृष्ठभूमि
मध्य प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 6 जनवरी 2024 को समाप्त हो रहा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने बहुमत हासिल किया और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने। हालांकि, 2020 में, INC के 22 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए। इससे INC के बहुमत पर संकट पैदा हो गया और कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
BJP ने दिग्विजय सिंह के बेटे सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया। हालांकि, पायलट के नेतृत्व में BJP सरकार केवल 15 महीने तक चल सकी। 2022 में, BJP ने शिवराज सिंह चौहान को फिर से मुख्यमंत्री बनाया। 2023 के विधानसभा चुनाव में BJP और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला होने की उम्मीद है। BJP अपने विकास के रिकॉर्ड पर चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस BJP के भ्रष्टाचार और कुशासन के आरोपों पर चुनाव लड़ रही है।
राजनीतिक विकास
2020 में, मध्य प्रदेश में एक राजनीतिक संकट पैदा हो गया जब 22 कांग्रेस विधायकों ने पार्टी छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए। इसने कांग्रेस के बहुमत को कम कर दिया और मुख्यमंत्री कमल नाथ को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया। BJP ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन उनकी सरकार केवल 15 महीने तक चल सकी। 2022 में, BJP ने शिवराज सिंह चौहान को फिर से मुख्यमंत्री बनाया।
इतिहास
मध्य प्रदेश विधानमंडल का इतिहास 1913 में शुरू हुआ, जब मध्य प्रांत विधान परिषद का गठन किया गया था। बाद में, भारत सरकार अधिनियम 1935 ने निर्वाचित मध्य प्रांत विधान सभा का प्रावधान किया। मध्य प्रांत विधान सभा के लिए पहला चुनाव 1937 में हुआ। 1947 में भारतीय स्वतंत्रता के बाद, मध्य प्रांत और बरार का तत्कालीन प्रांत, कई रियासतों के साथ भारतीय संघ में विलय हो गया, एक नया राज्य, मध्य प्रदेश बन गया। इस राज्य की विधान सभा की सदस्य संख्या 184 थी।
राज्यों के पुनर्गठन के बाद 1 नवंबर 1956 को वर्तमान मध्य प्रदेश राज्य अस्तित्व में आया। इसका निर्माण तत्कालीन मध्य प्रदेश (मराठी भाषी क्षेत्रों के बिना, जो बॉम्बे राज्य में विलय कर दिया गया था) , मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्यों को मिलाकर किया गया था। मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल की विधानसभाओं की सदस्य संख्या क्रमशः 79, 48 और 23 थी। 1 नवंबर 1956 को, सभी चार तत्कालीन राज्यों की विधानसभाओं को भी पुनर्गठित मध्य प्रदेश विधानसभा बनाने के लिए विलय कर दिया गया था। इस पहली विधानसभा का कार्यकाल बहुत छोटा था और इसे 5 मार्च 1957 को भंग कर दिया गया था।
मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए पहला चुनाव 1957 में हुआ था और दूसरी विधानसभा का गठन 1 अप्रैल 1957 को हुआ था। प्रारंभ में, विधानसभा की ताकत 288 थी, जिसे बाद में एक नामांकित सदस्य सहित बढ़ाकर 321 कर दिया गया था। 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश राज्य से अलग होकर एक नया राज्य, छत्तीसगढ़ बनाया गया। परिणामस्वरूप, विधानसभा की सदस्य संख्या एक मनोनीत सदस्य सहित घटकर 231 रह गई। वर्तमान सदन, पंद्रहवीं विधानसभा, का गठन दिसम्बर 2018 में किया गया था।
मध्य प्रदेश विधानमंडल के इतिहास के कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाक्रम इस प्रकार हैं:
- 1913: केंद्रीय प्रांत विधान परिषद का गठन।
- 1935: निर्वाचित मध्य प्रांत विधान सभा का गठन।
- 1947: मध्य प्रांत और बरार का भारत संघ में विलय।
- 1956: राज्यों के पुनर्गठन के बाद वर्तमान मध्य प्रदेश राज्य का गठन।
- 1957: मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए पहला चुनाव।
- 2000: छत्तीसगढ़ का मध्य प्रदेश राज्य से अलग होकर गठन।
- 2018: पंद्रहवीं मध्य प्रदेश विधानसभा का गठन
- पार्टियाँ और गठबंधन
- मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में निम्नलिखित प्रमुख पार्टियाँ और गठबंधन चुनाव लड़ रही हैं:
गठबंधन / पार्टी झंडा प्रतीक चुनाव लड़े नेता सीटें
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कमल शिवराज सिंह चौहान 79 (घोषित)
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) हाथ कमल नाथ टी.बी.डी.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) + गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) बसपा का झंडा + गोंगपा का झंडा रमाकांत पिप्पल + हीरा सिंह मरकाम टी.बी.डी.
आम आदमी पार्टी (आप) आम आदमी पार्टी का झंडा रानी अग्रवाल 10 (घोषित)
समाजवादी पार्टी (सपा) लाल रंग का झंडा रामायण सिंह पटेल 6 (घोषित)
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (माकपा) लाल झंडा + हंस जसविंदर सिंह टी.बी.डी.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) लाल झंडा अरविन्द श्रीवास्तव टी.बी.डी.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) हरा झंडा सैय्यद मिन्हाजुद्दीन टी.बी.डी.
शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) शिवसेना का झंडा टी.बी.डी.