– बता बादशाह! सचमुच करता है मेरा सम्मान, या केवल यूँ ही प्रणाम करता है?
– बिल्कुल बापू! आपके बताए रास्ते पर ही चल रहा हूँ। आपकी अधूरी इच्छाओं को पूरा करने में लगा हुआ हूँ।
– आजादी के बाद मेरी पहली इच्छा थी कि कांग्रेस को खत्म कर दिया जाय। इसके लिए क्या किया?
– कर रहा हूँ बापू! उसी दिशा में लगा हुआ हूँ।
– मैं सदैव राम राम जपता रहा। राम के बिना इस राष्ट्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसके लिए क्या किया?
– कर रहा हूँ न बापू! राम मंदिर बनवा दिया। रामजी से जुड़े अनेक तीर्थों में पुनर्निर्माण करवा रहा हूँ। देश राम मय हो रहा है…
– वाह! यह बहुत बढ़िया किया बेटा! अच्छा सुनो! मैंने सदैव धर्मपरिवर्तन का विरोध किया था। कई बार मैंने खुल कर कहा कि मिशनरी वाले गलत कर रहे हैं, उन्हें रोका जाना चाहिये। इस दिशा में कुछ किया?
– इस दिशा में बहुत कुछ नहीं किया अबतक। उनकी जड़ें बहुत मजबूत हैं बापू। उनको बाहर से बहुत फंडिंग मिलती है। रोकने का प्रयास किया है, पर अधिक सफलता नहीं मिलती…
– करता रह शहंशाह! यह बहुत जरूरी है। मत परिवर्तन से अधिक घिनौना कुछ भी नहीं। इसे रोक। एक बात और सुन! अखंड भारत मेरी सबसे बड़ी इच्छा थी। इसका कुछ हो सकता है क्या?
– अरे क्या बापू? क्या करोगे उन गधों को अपने में मिला कर? इधर आ गए तो हमें भी उसी तरह कटोरा उठा लेना पड़ेगा, जैसे वे लेकर घूमते फिरते हैं।
– फिर भी बेटा! कुछ तो कर…
– कश्मीर पर लगा हूँ बापू। हमारा जो हिस्सा उन धूर्तों ने छीना, उसे वापस लेने का जुगाड़ बैठा रहा हूँ। और आपके चहेते ने जो हिस्सा चीन को गिफ्ट दिया था, उसे भी लेना है।
– चीन वाले का क्या चल रहा है? दिख रही है कोई संभावना?
-अब सारा काम हमीं थोड़े करेंगे बापू? हमने 370 हटा कर रास्ता साफ कर दिया है। बाकी जब जोगी जी आएंगे, तब होगा।
– जोगी जी? ये कौन हैं? अपने गुजरात के ही हैं क्या?
– अरे नहीं बापू! उत्तर प्रदेश के सीएम हैं। आजकल देश में सबसे चर्चित मुख्यमंत्री वे ही हैं। गोरखनाथ मठ के महंत हैं बापू, गोरखनाथ मठ तो आप जानते ही होंगे?
– हहहहह भक! मजाक करता है जी? पर गोरखनाथ मठ वाले कुछ भी कर सकते हैं। सही चुनाव है, अपने बाद उन्हें ही बनवा देना।
– हां बापू! मैंने भी यही सोचा है…
– ठीक है। जा खुश रह!
– चुनाव आ रहा है बापू! आशीर्वाद है न?
– अरे तुझे कौन हरा रहा है भाई? जा, विजयी हो जा…
– धन्यवाद बापू! नमन!
[फेसबुक पर सर्वेश तिवारी जी का व्यंग्य]