टोंक में मुस्लिम मतदाताओं की नाराजगी: स्थानीयता का मुद्दा चुनाव में अहम भूमिका निभा सकता है
टोंक विधानसभा में कांग्रेस के सचिन पायलट का कब्जा है। लेकिन इस बार दो मुस्लिम निर्दलीय प्रत्याशी उनके सामने चुनौती पेश कर रहे हैं। ये दोनों प्रत्याशी स्थानीय मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ रहे हैं। टोंक में मुस्लिम मतदाता करीब 70 हजार हैं, जो एक बड़ा वोट बैंक माना जाता है। इन मतदाताओं के वोट के आधार पर चुनाव का परिणाम तय हो सकता है। इसलिए अगर इन दोनों निर्दलीय प्रत्याशियों को कुछ मतदाताओं का समर्थन मिल जाता है, तो यह पायलट के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है। कुल मिलाकर, टोंक में कांग्रेस के सचिन पायलट की जीत तय नहीं है। दो मुस्लिम निर्दलीय प्रत्याशियों के सामने उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी में लंबे समय से काम कर रहे मुस्लिम नेता भी इस नाराजगी से जुड़े हुए हैं। नईमुद्दीन अपोलो का कहना है कि मुस्लिम समाज अब तक केवल वोट ही देता आया है। क्या स्थानीय होने के नाते मुस्लिम समाज को कभी टिकट नहीं मिलेगा?
इस मुद्दे को लेकर मुस्लिम मतदाताओं में एक भावना बनी हुई है कि उन्हें हमेशा ही बाहर रखा जाता है। अगर यह भावना चुनाव में हावी होती है, तो यह पायलट के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
इस बीच, टोंक अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ से जुड़े हुए मोहसिन रसीद खान ने पायलट पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि पायलट की सभाओं में लोगों को पैसे देकर बुलाया जा रहा है।
मोहसिन रसीद खान का कहना है कि वह टोंक की जनता की आवाज बनकर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें जनता का समर्थन मिल रहा है। उन्होंने पायलट पर आरोप लगाया है कि वह पैसे और ताकत के बल पर चुनाव जीतने की कोशिश कर रहे हैं। मोहसिन रसीद खान के आरोपों पर पायलट की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
टोंक विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 60 हजार से अधिक है। इनमें मुस्लिम मतदाता करीब 70 हजार हैं, जो एक बड़ा वोट बैंक है। इसके अलावा, गुर्जर समाज के करीब 40 हजार, माली के 24 हजार और वैश्य समाज के 30 हजार वोटर्स हैं।
ऐसे में मुस्लिम समुदाय यहां का सर्वाधिक बड़ा वोट बैंक है। इसलिए हमेशा से कांग्रेस की टोंक विधानसभा पर नजर बनी रही है। कांग्रेस ने हमेशा मुस्लिम मतदाताओं को साधने की कोशिश की है। इस बार भी कांग्रेस ने सचिन पायलट को टिकट दिया है, जो मुस्लिम मतदाताओं में लोकप्रिय हैं।
हालांकि, इस बार भाजपा ने भी स्थानीय उम्मीदवार अजीत मेहता को मैदान में उतारा है। अजीत मेहता भी मुस्लिम मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए इस बार टोंक विधानसभा में मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।