भाई दूज हिन्दुओ का त्यौहार है जिसे कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। यह दिवाली के बाद पांच दिवसीय त्योहारों के अंतिम दिन मनाया जाता है। यह त्यौहार भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। इसका एक नाम याम यम दद्वितीय भी है इसी दिन चित्रगुपत पूजा भी होता है
भाई दूज: भाई-बहन के बंधन का त्योहार
भाई दूज एक हिंदू त्यौहार है जो भाइयों और बहनों के बीच के बंधन का जश्न मनाता है। यह रोशनी के त्यौहार दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है।
भाई दूज का मतलब
भाई दूज का शाब्दिक अर्थ दो शब्दों भाई और दूज से मिलकर बना है। ‘भाई’ का अर्थ है भाई और ‘दूज’ अमावस्या के निकलने का दूसरा दिन है। इसलिए, दिवाली के त्यौहार के दूसरे दिन भाई दूज मनाया जाता है। है।
भाई दूज को यम द्वितीया क्यों कहा जाता है?
भारत के दक्षिणी भाग में भाई दूज को यम द्वितीया कहा जाता है। यह नाम मृत्यु के देवता यम और उनकी बहन यमी या यमुना की कथा से लिया गया है। इस पौराणिक कथा के अनुसार, यम अपनी बहन से द्वितीया के दिन मिले थे, जो अमावस्या के दूसरे दिन होता है। इस घटना को पूरे देश में “यमद्वितीया” या “यमद्वितेय” के रूप में मनाया जाने लगा। उस दिन के बाद से देश में कुछ लोग भाई दूज को यम द्वितीया के रूप में मनाते हैं।
भाई दूज में किस भगवान की पूजा की जाती है?
भाई दूज के दिन, यम, भगवान गणेश, चित्रगुप्त, यमुना और यम के कई दूतों की पूजा करते हैं। वे मूर्तियों की पूजा करते समय कई मंत्रों का जाप करते हैं।
सूखे नारियल का अनुष्ठान
भाई दूज के दिन भाइयों को सूखा नारियल देना शुभता का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब भगवान कृष्ण राक्षस राजा नरकासुर को हराने के बाद अपनी बहन सुभद्रा से मिलने गए, तो उन्होंने गर्मजोशी, फूलों और मिठाइयों के साथ उनका स्वागत किया। फिर उन्होंने कृष्ण के माथे पर तिलक लगाया और उन्हें सूखा नारियल दिया।
अन्य अनुष्ठान
बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं। यह तिलक आमतौर पर चंदन और कुमकुम से बनाया जाता है। तिलक समारोह बहनों के लिए अपने भाइयों को आशीर्वाद देने और उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करने का एक तरीका है। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा करने और हमेशा उनके साथ रहने का वादा करते हैं।
बहनें अपने भाइयों के लिए विशेष भोजन तैयार करती हैं, जिसमें आमतौर पर उनके पसंदीदा व्यंजन शामिल होते हैं। परिवार और दोस्त जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं और एक साथ स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेते हैं।
भाई दूज का महत्त्व
भाई दूज भाइयों और बहनों के एक साथ आने और अपने विशेष बंधन का जश्न मनाने का समय है। यह उस प्यार और देखभाल की याद दिलाता है जो उनके मन में एक-दूसरे के लिए है। यह त्यौहार हमें परिवार और रिश्तों का महत्त्व भी सिखाता है।
रचनात्मक प्रतिक्रिया
भाई दूज एक खूबसूरत त्यौहार है जो भाइयों और बहनों के बीच प्यार का जश्न मनाता है। यह उनके लिए अपने बंधन को संजोने और ऐसी यादें बनाने का समय है जो जीवन भर बनी रहेंगी।
भाई दूज का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?
यह त्यौहार उत्तरी, मध्य और पूर्वी भारत में व्यापक रूप से मनाया जाता है। इस दिन, भाई अक्सर अपनी बहनों के घर जाते हैं। उनकी बहनों द्वारा उनका गर्मजोशी से स्वागत किया जाता है, जो एक गोल थाली ले जाती हैं जिसमें मुख्य रूप से टीका के लिए पेस्ट, मिठाई, नारियल, समृद्धि का प्रतीक चावल और एक मिट्टी का दीपक होता है। फिर बहन भाई के माथे पर टीका लगाती है और उसकी सुरक्षा और समृद्धि की कामना करते हुए उसे मिठाई खिलाती है।
भाई दूज की पौराणिक कथा
भाई दूज की पौराणिक कथा के अनुसार, सूर्य देव की दो संतानें थीं, यमराज और यमुना। यमुना अपने भाई यमराज से बहुत प्यार करती थी, लेकिन यमराज अक्सर व्यस्त रहते थे और अपनी बहन से मिलने नहीं आ पाते थे।
एक दिन, यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने उनके घर गए। यमुना ने अपने भाई की बहुत आवभगत की और उन्हें भोजन कराया। यमराज ने अपनी बहन की सेवा से बहुत प्रसन्न हुए और उन्हें वरदान मांगने को कहा। यमुना ने कहा, “भैया, मैं चाहती हूँ कि आप हर साल इस दिन मेरे घर आएँ और मेरी सेवा करें और जो भाई अपनी बहन की सेवा करता है, उसे आपका भय न रहे।” यमराज ने यमुना की प्रार्थना स्वीकार कर ली और तब से भैया दूज का त्यौहार मनाया जाने लगा।
भाई दूज की कुछ प्रथाएँ
भाई को तिलक लगाना: भाई दूज के दिन, बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं। तिलक आमतौर पर हल्दी और चन्दन का मिश्रण होता है। तिलक लगाने से भाई को आशीर्वाद मिलता है और उसे लंबी आयु और अच्छी सेहत की कामना की जाती है।
भाई को उपहार देना: भाई दूज के दिन, बहनें अपने भाइयों को उपहार देती हैं। उपहार आमतौर पर मिठाई, कपड़े या अन्य उपयोगी वस्तुएँ होती हैं। यह एक ऐसा तरीका है जिससे बहनें अपने भाइयों के लिए अपना प्यार और सम्मान व्यक्त करती हैं।
आइए हम सभी अपने प्रियजनों के साथ भाई दूज मनाएँ और इस त्यौहार की खुशी और खुशियाँ अपने चारों ओर फैलाएँ।
वर्तमान वर्ष में भैया दूज त्यौहार की तिथि
2023 में, भाई दूज का त्यौहार 14 नवंबर (मंगलवार) को मनाया जाएगा।