नाग पंचमी
नाग पंचमी भारत के प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है। इस दिन भगवान शिव के गले में निवास करने वाले नागों की पूजा की जाती है। नाग पंचमी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन नागों की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और आरोग्य प्राप्त होता है। साथ ही, काल सर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है। नाग पंचमी के पावन पर्व पर वाराणसी / काशी में नाग कुआँ नामक स्थान पर बहुत बड़ा मेले का आयोजन होता है। आम तौर पर यह त्यौहार हरियाली तीज के दो दिन बाद मनाया जाता है।
नाग पंचमी का महत्त्व
- कालसर्प दोष से मुक्ति: नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। कालसर्प दोष एक प्रकार का ज्योतिषीय दोष है जो जीवन में कई कठिनाइयों का कारण बन सकता है।
- सुख-समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति: नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है। नागों को पृथ्वी के रक्षक के रूप में माना जाता है, इसलिए उनकी पूजा करने से जीवन में सभी प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं।
- नागों के प्रति सम्मान: नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करके हम उनके प्रति सम्मान प्रकट करते हैं। नागों को पृथ्वी के पाताल लोक का राजा माना जाता है, इसलिए उनकी पूजा करने से हमें उनकी कृपा प्राप्त होती है।
नाग पंचमी के दिन क्या करें
इस दिन नाग देवताओं की पूजा की जाती है। नाग पंचमी के दिन निम्नलिखित कार्य करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलते हैं:
व्रत रखें: नाग पंचमी के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। व्रत रखने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। फिर, घर के मंदिर में नाग देवता की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। प्रतिमा को दूध, दही, घी, शहद, फूल, धूप, दीप और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें। इसके बाद, नाग देवता की आरती करें और प्रार्थना करें। व्रत के दौरान सात्विक भोजन करें और दिनभर मौन रहें। नाग पंचमी के दिन नाग देवताओं की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है। पूजा के लिए घर के मंदिर में नाग देवता की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। प्रतिमा को दूध, दही, घी, शहद, फूल, धूप, दीप और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें। इसके बाद, नाग देवता की आरती करें और प्रार्थना करें। नाग पंचमी के मंत्रों का जाप करें: नाग पंचमी के दिन नाग पंचमी के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलते हैं। नाग पंचमी के मंत्रों में से कुछ हैं:
ऊँ कुरु कुल्ले फट् स्वाहा
ऊँ नागराजाय नमः
ऊँ सर्पराजाय नमः
सांपों का रहना बेहद जरूरी है
सांप एक ऐसा प्राणी है जिसे लोग अक्सर डरते हैं। हालांकि, सांपों का हमारे पारिस्थितिक तंत्र में महत्त्वपूर्ण स्थान है। वे फसलों को नुकसान पहुँचाने वाले कीटों और चूहों को खाकर किसानों के लिए मददगार साबित होते हैं।
सांपों के लाभ निम्नलिखित हैं:
- कीट नियंत्रण: सांप फसलों को नुकसान पहुँचाने वाले कीटों और चूहों को खाकर फसलों की सुरक्षा करते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, एक सांप प्रतिदिन लगभग 100 चूहों को खा सकता है।
- कीटों के प्रजनन को नियंत्रित करना: सांप कीड़े-पतंगों के प्रजनन को नियंत्रित करके फसलों को नुकसान से बचाते हैं।
- पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखना: सांप पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। वे शिकारी हैं और अन्य जानवरों को भी खाते हैं।
नाग पंचमी क्यों मनाते हैं
नाग पंचमी मनाने के पीछे कई कारण हैं
- महाभारत की कथा: महाभारत के अनुसार, राजा परीक्षित की मृत्यु तक्षक नाग के डंसने से हुई थी। उनके पुत्र जनमेजय ने अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए नागों को मारने के लिए एक यज्ञ किया था। आस्तिक मुनि ने इस यज्ञ को रोका और नागों की रक्षा की। इस दिन से नाग पंचमी का त्यौहार मनाने की शुरूआत हुई।
- नागों की पूजा: हिंदू धर्म में नागों को देवता माना जाता है। वे धन, समृद्धि और सद्गति के प्रतीक हैं। नाग पंचमी के दिन नाग देवताओं की पूजा करने से व्यक्ति को इन सभी लाभों की प्राप्ति होती है।
- सांपों के प्रति सम्मान: नाग पंचमी का त्यौहार सांपों के प्रति सम्मान प्रकट करने का भी एक अवसर है। सांप हमारे पारिस्थितिक तंत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे कीटों को नियंत्रित करके फसलों की रक्षा करते हैं। नाग पंचमी के दिन सांपों को मारने से बचना चाहिए
नाग पंचमी के पीछे कई कहानियाँ हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध कहानी भगवान कृष्ण और कालिया नाग की कहानी है।
महाभारत के अनुसार, भगवान कृष्ण बचपन में गोकुल में रहते थे। एक दिन, वे अपने मित्रो के साथ यमुना नदी में खेल रहे थे। तभी उनकी गेंद नदी के एक कुंड में गिर गई। कृष्ण ने गेंद को लेने के लिए कुंड में छलांग लगा दी। उस कुंड में कालिया नाग रहता था। कालिया नाग बहुत बड़ा और शक्तिशाली था। उसने कृष्ण को देखकर उन पर हमला कर दिया।
कृष्ण ने कालिया नाग से लड़ाई की और उसे पराजित कर दिया। कालिया नाग ने कृष्ण से क्षमा मांगी और कहा कि वह अब गोकुल के निवासियों को परेशान नहीं करेगा। कृष्ण ने कालिया नाग को माफ कर दिया।
कालिया नाग पर कृष्ण की विजय के उपलक्ष्य में नाग पंचमी मनाई जाती है। इस दिन नाग देवताओं की पूजा करने से व्यक्ति को कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा, इस दिन नाग देवताओं की पूजा करने से व्यक्ति को धन, समृद्धि और सद्गति की प्राप्ति होती है।
कश्यप ऋषि और कद्रु से हुआ नागों का जन्म
हिंदू धर्म में नागों को देवता माना जाता है। वे धन, समृद्धि और सद्गति के प्रतीक हैं। नागों के जन्म के पीछे एक रोचक कथा है।
महाभारत के अनुसार, ऋषि कश्यप की 13 पत्नियाँ थीं। इनमें से एक कद्रु थीं। कद्रु ने कश्यप से एक हजार नाग पुत्रों की मांग की। कश्यप ने उनकी इच्छा पूरी की। कद्रु के अंडों से एक हजार नागों का जन्म हुआ। इनमें से आठ नाग खास थे। इनके नाम हैं-वासुकि, तक्षक, कुलक, कर्कोटक, पद्म, शंख, चूड़, महापद्म और धनंजय।
वासुकि को नागों का राजा माना जाता है। वे भगवान विष्णु के वाहन हैं। तक्षक नाग ने राजा परीक्षित को डंसा था। इस घटना के बाद राजा जनमेजय ने नागों को मारने के लिए एक यज्ञ किया था। इस यज्ञ को रोकने के लिए आस्तिक मुनि ने नागों को बचाया।
नाग पंचमी एक हिंदू त्यौहार है जो नागों की पूजा के लिए मनाया जाता है। इस दिन नाग देवताओं की पूजा करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक, मानसिक और भौतिक लाभों की प्राप्ति होती है।
नाग पंचमी 2024 में शुक्रवार, 9 अगस्त, 2024 को है