कांचीपुरम, जिसे “कांची” भी कहा जाता है, तमिलनाडु राज्य का एक प्राचीन शहर है और भारतीय संस्कृति तथा इतिहास का महत्वपूर्ण केंद्र है। यह शहर न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक भी है। कांचीपुरम की खासियत इसकी समृद्ध धार्मिक धरोहर, प्राचीन मंदिर और दक्षिण भारतीय वास्तुकला में निहित है।
प्रमुख विशेषताएँ और महत्व:
- धार्मिक महत्व:
- शिव और विष्णु के मंदिर: कांचीपुरम को “वैकुण्ठम” (विष्णु का निवास स्थान) और “शिव की नगरी” दोनों ही माना जाता है। यहां भगवान शिव और विष्णु के अनेक मंदिर स्थित हैं।
- कांची कामाक्षी मंदिर: यह देवी पार्वती के एक प्रसिद्ध मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है, जो कांचीपुरम का एक प्रमुख आकर्षण है। यहां देवी कामाक्षी की मूर्ति प्रतिष्ठित है, जो शक्ति और सौंदर्य की प्रतीक मानी जाती है।
- एच्छानमेश्वर मंदिर और विष्णु भगवान का श्री Varadaraja Perumal मंदिर भी धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं।
- इतिहास:
- कांचीपुरम का इतिहास बहुत पुराना है, जो लगभग 2000 वर्षों से भी अधिक पुराना माना जाता है। यह प्राचीन तमिलनाडु के महान सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्रों में से एक था।
- इसे गंगवर्मन और चोल साम्राज्य के समय में भी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त था, और यहां के मंदिरों और स्थापत्य कला में उस समय की छाप देखी जा सकती है।
- सांस्कृतिक धरोहर:
- कांचीपुरम को सिल्क सिटी और सार्वजनिक शिक्षा का केंद्र भी कहा जाता है। यहां की प्रसिद्ध कांची सिल्क साड़ियों की ख़ासियत पूरे भारत में प्रसिद्ध है। कांचीपुरम साड़ियों का बुनाई और डिजाइन बेहद पारंपरिक और शाही होता है।
- यात्रा और पर्यटन:
- कांचीपुरम एक प्रमुख तीर्थ स्थल होने के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी आकर्षक स्थल है। यहां की प्राचीन वास्तुकला, मंदिरों की सुंदरता और शांतिपूर्ण वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
- कांचीपुरम में हर साल लाखों तीर्थयात्री और पर्यटक आते हैं, खासकर शाही मंदिरों और त्योहारों के दौरान।