मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 की भव्य शुरुआत हुई। पहले दिन प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में लाखों श्रद्धालु पहुंचे और अमृत स्नान कर पुण्य अर्जित किया। यह स्नान महाकुंभ का पहला मुख्य आयोजन था, जिसमें भारी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया।
मुख्य बिंदु:
1. शाही स्नान का महत्व:
मकर संक्रांति पर पहला अमृत स्नान आयोजित किया गया, जिसे ‘शाही स्नान’ भी कहा जाता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं।
2. श्रद्धालुओं की भीड़:
त्रिवेणी संगम पर 1.4 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई।
कोहरे और ठंड के बावजूद भक्तों का उत्साह देखने लायक था। मंगलवार सुबह तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
3. महाकुंभ हेल्पलाइन:
पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 1800111363 और 1363 हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।
यह सेवा हिंदी, अंग्रेजी सहित अन्य भाषाओं में उपलब्ध है।
4. अखाड़ों की भागीदारी:
महाकुंभ में विभिन्न संप्रदायों के 13 प्रमुख अखाड़े भाग ले रहे हैं।
संतों ने संगम क्षेत्र में अनुष्ठान और पूजा-अर्चना की।
5. महाकुंभ का महत्व:
जूना अखाड़े के स्वामी अवधेशानंद ने जल और सनातन संस्कृति के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “जल जीवन का आधार है और हमारे देवताओं का अस्तित्व इससे जुड़ा है।”
उन्होंने महाकुंभ को आत्मज्ञान और संस्कृति की यात्रा बताया।
महाकुंभ 2025: आगामी स्नान की तिथियां
29 जनवरी: मौनी अमावस्या (शाही स्नान)
3 फरवरी: वसंत पंचमी (शाही स्नान)
12 फरवरी: माघी पूर्णिमा स्नान
26 फरवरी: महाशिवरात्रि स्नान (समापन)
प्रयागराज का महाकुंभ इस बार भी श्रद्धालुओं के लिए आस्था और संस्कृति का अद्भुत संगम बन रहा है। लाखों भक्तों की उपस्थिति इसे विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बना रही है।