राजस्थान में कांग्रेस ने बीती देर रात अपने 23 उम्मीदवारों की पांचवी सूची जारी कर दी। इस सूची में टोंक जिले की मालपुरा विधानसभा से इस बार कांग्रेस ने नए उम्मीदवार घीसालाल चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं भाजपा ने पहले ही दो बार लगातार विधायक रहे कन्हैया लाल चौधरी को फिर से तीसरी बार टिकट दिया है।
मालपुरा विधानसभा जाट बाहुल्य क्षेत्र है। ऐसे में कांग्रेस ने भी बीजेपी की तरह जाट उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा है। कांग्रेस की इस रणनीति से स्पष्ट है कि पार्टी मालपुरा से जीत हासिल करने के लिए काफी बेताब है।
वहीं भाजपा ने कन्हैया लाल चौधरी पर भरोसा जताया है। कन्हैया लाल चौधरी पिछले 10 सालों से इस सीट से विधायक हैं। उन्होंने 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है। ऐसे में भाजपा को उम्मीद है कि कन्हैया लाल चौधरी इस बार भी जीत हासिल कर सकेंगे।
मालपुरा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल सकता है।
कन्हैया लाल चौधरी जाट समाज के एक लोकप्रिय नेता हैं। उन्हें स्थानीय लोगों का समर्थन प्राप्त है। हालांकि, घीसालाल चौधरी भी जाट समाज से ही आते हैं। वे कांग्रेस के करीबी हैं और पार्टी ने उन्हें मालपुरा से टिकट देकर कन्हैया लाल चौधरी को चुनौती दी है।
मालपुरा विधानसभा में जाट समाज के मतदाताओं की संख्या करीब 65,000 है। यह कुल मतदाताओं का करीब 23% है। ऐसे में जाट समाज के वोटों पर कब्जा करने वाली पार्टी को चुनाव में जीत मिलने की संभावना अधिक होती है।
कन्हैया लाल चौधरी के लिए एक चुनौती यह भी है कि कांग्रेस ने पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव में टोंक जिले की चार सीटों में से तीन सीटों पर जीत हासिल की थी। मालपुरा ही एकमात्र ऐसी सीट थी जहां बीजेपी ने जीत हासिल की थी। ऐसे में कांग्रेस को मालपुरा में जीत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
कुल मिलाकर, कन्हैया लाल चौधरी के लिए मालपुरा में जीत की राह आसान नहीं होगी। उन्हें घीसालाल चौधरी के चुनौती का सामना करना होगा और कांग्रेस के बढ़ते प्रभाव को भी रोकना होगा।
क्या कहती है मालपुरा विधानसभा की जातिगत समीकरण
मालपुरा विधानसभा जाट बाहुल्य क्षेत्र है। यहां कुल मतदाताओं की बात करें तो, कुल दो लाख 76 हजार से अधिक मतदाता है। इनमें सबसे बड़ा बाहुल्य जाट समाज का है। जहां करीब 65 हजार जाट समाज के वोटर्स है। इसके बाद दूसरा बड़ा समूह गुर्जर है। जिनके करीब 40 हजार के आसपास मतदाता है। इसी तरह मुस्लिम समुदाय 24 हजार, ब्राह्मण 22 हजार, माली 20 से 25 हजार और महाजन करीब 15 हजार वोटर्स हैं। शेष अन्य जातियों के वोटर्स हैं।