रामराज्य न्यूज़ संपादकीय श्रृंखला: #बदलता_भारत_मेरा_अनुभव
थीम 4 ईंट-बालू से बदलाव तक: जब भारत ने भविष्य की नींव रखी
🔁 नारी शक्ति से राष्ट्र निर्माण तक
कल हमने नारी शक्ति की उड़ान देखी थी। आज हम उन्हीं सड़कों पर चल रहे हैं जिन्हें उसने बनाने में मदद की, उन्हीं ट्रेनों में सफर कर रहे हैं जो उसकी सोच से चलीं, और उन पुलों से जुड़ रहे हैं जो सपनों को जमीन से जोड़ते हैं। यह सिर्फ ढांचा नहीं—यह भारत का भाग्य निर्माण है।
अध्याय 1: जहाँ सड़कें ख़त्म होती थीं, भारत शुरू होता था
कभी गांवों में न सड़क थी, न एम्बुलेंस, न कनेक्टिविटी। फिर आया प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना। 7.5 लाख किमी ग्रामीण सड़कें और 1.7 लाख से अधिक बस्तियाँ जुड़ गईं। सड़क के साथ अवसर भी पहुँचा।
अध्याय 2: पुल जो समय को पार करते हैं
बोगीबील पुल सिर्फ एक ढांचा नहीं, एक संकल्प है। भारत का सबसे लंबा रेल-रोड पुल जो असम को जोड़ता है, जहाँ पहले दिन लगते थे अब मिनटों में सफर होता है।

अध्याय 3: पटरी पर कल की रफ्तार
वंदे भारत ट्रेनों के साथ भारत की रेल अब तेज़ है, आधुनिक है। 2014 के बाद 25,000 किमी से अधिक पटरियाँ विद्युतीकृत हुई हैं। यह सिर्फ यातायात नहीं, जीवनशैली की क्रांति है।
अध्याय 4: डिजिटल गांव, जुड़ा हुआ भारत
भारतनेट ने 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा है। अब ग्रामीण स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं होती हैं, किसान मंडी के भाव जान पाते हैं। भारत के गांव अब डिजिटल गणराज्य के नोड हैं।
अध्याय 5: स्मार्ट शहर, जड़ों से जुड़े हुए
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 100 शहरों में 7,000 से अधिक परियोजनाएं लागू हुईं। लेकिन विरासत नहीं खोई—वाराणसी के घाट LED से जगमगाते हैं, जयपुर की गलियाँ वाई-फाई से सजी हैं।
अध्याय 6: आशा से बने आशियाने
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 करोड़ से अधिक घर मंज़ूर हुए हैं। यह सिर्फ घर नहीं—यहाँ से बच्चों की यूनिफॉर्म इस्त्री होती है, छोटे कारोबार शुरू होते हैं और पीढ़ियाँ सपने देखती हैं।
अध्याय 7: सीमाएँ अब दीवार नहीं पुल हैं
अरुणाचल की सुरंगों से लेकर लद्दाख की सड़कों तक, BRO अब सिर्फ रक्षा नहीं, जुड़ाव कर रहा है। जो गाँव कभी भूले जा चुके थे, आज वहाँ प्रकाश भी है और प्रगति भी।
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