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जब दुनिया ने पूरब की ओर देखा: भारत का वैश्विक पुनरागमन

Bharat’s resurgence shown through diplomacy, space, and digital strength

From Operation Sindoor to Chandrayaan—Bharat leads globally

जब दुनिया ने पूरब की ओर देखा: भारत का वैश्विक पुनरागमन

थीम 5 | #BadaltaBharatMeraAnubhav

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कल हमने देखा कि रेगिस्तान में राजमार्ग उग आए, और जहां पहले सिर्फ उम्मीद थी, वहाँ अब घर बस गए। लेकिन आज भारत अपनी सीमाओं से आगे निकल रहा है—अब वो सिर्फ दर्शक नहीं, बल्कि निर्णायक शक्ति बन गया है।

अध्याय 1: माइक पहले से हमारे पास था, हमने बस उठाया

दशकों तक भारत ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में शांति से भाग लिया। लेकिन अब G20 शिखर सम्मेलन में भारत ने सिर्फ मेज़बानी नहीं की, उसने नेतृत्व किया।

भारत ने वैश्विक दक्षिण की आवाज़ बनकर ऋण राहत, खाद्य सुरक्षा, डिजिटल समावेश जैसे मुद्दों को केंद्र में ला दिया।

“भारत वैश्विक दक्षिण की आवाज़ है” — यह अब केवल कथन नहीं, बल्कि कूटनीतिक हकीकत बन गई है।

अध्याय 2: ऑपरेशन सिंदूर – जब साहस ने धमकियों को जवाब दिया

Bharat responds to terror with resolve and precision

मई–जून 2025 में, पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने पहलगाम में कायरतापूर्ण हमला किया। और भारत ने जवाब दिया — ऑपरेशन सिंदूर के रूप में।

यह कोई बदला नहीं था। यह था धर्म और मर्यादा के साथ न्याय

सटीक हवाई हमले, विशेष बलों की कार्रवाई और रणनीतिक संयम — भारत ने अपनी संप्रभुता को परिभाषित किया। दुनिया देखती रह गई।

अध्याय 3: चंद्रयान – जब चुप्पी ने इतिहास रच दिया

First in the world—India conquers the lunar south pole

23 अगस्त 2023 — भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कर ली।

न शोर, न प्रचार। बस विज्ञान, संकल्प और सफलता।

अब आदित्य-L1, गगनयान और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन योजनाएं साबित करती हैं—आकाश कभी सीमा नहीं था।

अध्याय 4: भारतनेट से UPI – जब गांव बना भविष्य

बस्तर का युवक जब QR कोड से भुगतान करता है, तो वो सिर्फ लेनदेन नहीं करता — वो डिजिटल क्रांति</strong का हिस्सा होता है।

UPI, आधार, डिजीलॉकर, Co-Win अब केवल भारत तक सीमित नहीं—वे केन्या, यूएई, सिंगापुर जैसे देशों में पहुंच रहे हैं।

IMF ने कहा: “भारत का डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर दुनिया के लिए आदर्श है।”

अध्याय 5: योग, संस्कृत और सॉफ्ट पावर जो अमर है

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अब 180+ देशों में मनाया जाता है।

संस्कृत विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जा रही है, और आयुर्वेद अब बोस्टन की प्रयोगशालाओं में भी है।

भारत ने सिर्फ उत्पाद नहीं भेजे — उसने आत्मिक संतुलन दिया।

अध्याय 6: NAM से G7 तक – जब भारत दिशा देने लगा

आज भारत G7, BRICS+, क्वाड जैसी शक्तियों को जोड़ने वाला मध्य केंद्र है।

कूटनीति अब केवल बयान नहीं—यह है कि जब आप बोलें, दुनिया सुने। और आज, दुनिया सुन रही है।

अंतिम अध्याय: भारत उभरा नहीं — वह लौटा है

यह कोई “राइजिंग इंडिया” की कहानी नहीं। यह सभ्यतागत जागरण की वापसी है।

पश्चिम ने शक्ति को नियंत्रण कहा। भारत ने उसे चेतना कहा।

और अब दुनिया पूरब की ओर देख रही है — विकसित भारत की ओर। विश्वगुरु भारत की ओर।
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