पूजा का शुभ मुहूर्त
धार्मिक पंचांगों के अनुसार, चित्रगुप्त पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:13 मिनट से 3:28 मिनट तक रहेगा। इस समय भगवान चित्रगुप्त की आराधना करने से विशेष फल प्राप्त होता है और जीवन में ज्ञान, सफलता तथा समृद्धि आती है।
चित्रगुप्त पूजा विधि और सामग्री
इस दिन पूजा को ‘कलम-दवात पूजा’ के नाम से भी जाना जाता है। भक्त सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं और एक स्वच्छ स्थान पर भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा या चित्र स्थापित करते हैं। पूजा में किताबें, पेन और कलम-दवात रखी जाती है, जिन्हें ज्ञान का प्रतीक माना जाता है।
- ‘ऊँ श्री गणेशाय नमः’ का जाप कर पूजा की शुरुआत करें।
- भगवान चित्रगुप्त को रोली, चंदन, फूल, अक्षत और पंचामृत अर्पित करें।
- घी का दीपक और धूप जलाएं तथा पूजा कथा का पाठ करें।
- फल-मिठाई का भोग लगाएं और अंत में आरती कर प्रसाद वितरित करें।
- इस अवसर पर पापों के लिए क्षमा मांगना और अच्छे कर्म करने का संकल्प लेना शुभ माना जाता है।
चित्रगुप्त पूजन मंत्र
“मसीभाजन संयुक्तश्चरसि त्वम् महीतले। लेखनी कटिनीहस्त चित्रगुप्त नमोस्तुते॥”
यह मंत्र भगवान चित्रगुप्त को स्मरण कर उनके आशीर्वाद की कामना के लिए पढ़ा जाता है।
चित्रगुप्त पूजा का धार्मिक महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान चित्रगुप्त ब्रह्मा जी की काया से उत्पन्न हुए थे और उन्हें मनुष्यों के कर्मों का लेखा रखने का दायित्व सौंपा गया। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से व्यक्ति के पापों का क्षय होता है और उसे ज्ञान, धन और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
व्यापार और लेखन से जुड़े लोगों के लिए यह पर्व अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन नई लेखनी या बहीखाता आरंभ करने से सफलता मिलती है।
