विवाह पंचमी इस वर्ष 25 नवंबर 2025 को मनाया जाएगा यह दिन भगवान श्रीराम और माता सीता के दिव्य विवाह की स्मृति में समर्पित है। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि, कथा और ज्योतिषीय लाभ।
विवाह पंचमी 2025 तिथि और समय
विवाह पंचमी हर वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष पंचमी को मनाई जाती है। इस वर्ष विवाह पंचमी 25 नवंबर 2025 को है। तिथि शाम को 25 नवंबर से प्रारंभ होकर 26 नवंबर तक चली सकती है; पंचमी का शुभ समय सामान्यतः प्रातःकाल से दोपहर तक माना जाता है।
परंपरा के अनुसार मिथिला की राजधानी जनकपुर (नेपाल) में और अयोध्या सहित कई मंदिरों में भव्य आयोजन और शोभायात्रा निकाली जाती है।
विवाह पंचमी का धार्मिक महत्व
विवाह पंचमी को इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि परंपरा के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह सम्पन्न हुआ था। आचार्य अक्सर बताते हैं कि इस दिन की पूजा से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है और जो बाधाएँ विवाह में आती हैं, वे कम हो सकती हैं।
भक्तजन इस दिन मंदिरों को सजाते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और रामचरित मानस में विवाह प्रसंग का पाठ किया जाता है।
राम–सीता विवाह की संक्षेप कथा
कथा के अनुसार राजा जनक ने धनुष-स्वयंवर रखा था। अयोध्या से आए श्रीराम ने गुरु विश्वामित्र के निर्देश पर धनुष उठाया और उसे तोड़ दिया। धनुष भंग होने पर स्वयंवर की शर्तें पूरी हुईं और जनकपुर में श्रीराम-सीता का विवाह भव्यता से संपन्न हुआ। यह प्रसंग रामचरित मानस के बालकांड में विस्तार से पढ़ा जाता है।
विवाह पंचमी पर की जाने वाली पूजा-विधि
पांच सरल कदम जो अधिकांश भक्त पालन करते हैं:
- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
- श्रीराम–सीता की तस्वीर या मूर्ति माथे पर साफ आसन पर स्थापित करें।
- पुष्प, अक्षत, पंचामृत, धूप-दीप से विधिवत पूजा करें।
- रामचरित मानस के बालकांड में विवाह प्रसंग का पाठ करें और भजन-कीर्तन करें।
- कन्याओं को फल, वस्त्र या प्रसाद दें; इस दिन सात्विक आहार का पालन करें।
ज्योतिषीय लाभ और लोक मान्यताएँ
परंपरा के अनुसार विवाहित जीवन में क्लेश कम करने, दांपत्य में सौहार्द बढ़ाने और विवाह योग बनाने में यह दिन प्रभावी माना जाता है। कई लोग कहते हैं कि जो अविवाहित हैं और जिनका विवाह नहीं बन रहा, वे इस दिन आराधना से अच्छे परिणाम पा सकते हैं।
जनकपुर और प्रमुख उत्सव
जनकपुर (नेपाल) में विवाह पंचमी विशेष रूप से मनाई जाती है; अयोध्या और भारत के अन्य धार्मिक केंद्रों से भी श्रद्धालु आते हैं। यदि आप यात्रा का विचार कर रहे हैं तो स्थानीय आयोजनों और प्रवेश नियमों की पुष्टि पहले कर लें। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोत देखें।
निष्कर्ष
विवाह पंचमी न सिर्फ एक धार्मिक पर्व है बल्कि वैवाहिक जीवन और पारिवारिक मूल्यों को सुदृढ़ करने का अवसर भी है। 25 नवंबर 2025 को यदि आप पूजा-अर्चना या कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं तो ऊपर दी गयी विधियों का पालन कर सकते हैं और राम–सीता के आदर्शों से प्रेरणा ले सकते हैं।
